गज़ब हो गया | Gajab ho gaya

फासले दर्मियां अपने बढ़ते गए,
तुमको अपना बनाना गज़ब हो गया।
दिल से दिल को सुकून खूब मिला था मगर,
अब तो आंसू बहाना गज़ब हो गया।

खुशियां शर्माती थी हमें देख कर,
अब तो गम भी उठाना गज़ब हो गया।
बन के धड़कन धड़कते थे दिल में मेरे,
तुमको अपना बनाना गज़ब हो गया।

एक दूजे के थे तब अलग बात थी,
गैर भी अब बताना गज़ब हो गया।
प्यार आंखों में था दिल में जज़्बात थी,
अब दुश्मनी भी निभाना गज़ब हो गया।

अपने थे तो मिल के मुस्कुराते थे हम,
अब तो चेहरा दिखाना गज़ब हो गया।
गैर की याद में जब से पहुंची हो तुम,
प्यार भी अब जताना गज़ब हो गया।

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