छोड़ जाऊंगा | Chhod Jaunga
सताएगी अक्सर तन्हाई में तुमको, होठों पर ऐसा मुस्कान छोड़ जाऊंगा,
करोगी गर्व तुम दर्पण में खुद पर, प्यार का ऐसा स्वाभिमान छोड़ जाऊंगा,
माना कि मिटा दोगे आप मुझे जिंदगी के कुछ पन्नों से,
पर याद रखना! पेंसिल हूं मैं, मिटकर भी प्यारा सा निशान छोड़ जाऊंगा।
सब कहते है मन ही मन उसे मैं मार देता हूं,
मैं सपनों की तरह उसकी यादें बिसार देता हूं,
मुझे ये हक है कि उसे थोड़ा दुःख भी दूं,
क्यूंकि चाहत भी तो उसी को बेशुमार देता हूं।
करोगी गर्व तुम दर्पण में खुद पर, प्यार का ऐसा स्वाभिमान छोड़ जाऊंगा,
माना कि मिटा दोगे आप मुझे जिंदगी के कुछ पन्नों से,
पर याद रखना! पेंसिल हूं मैं, मिटकर भी प्यारा सा निशान छोड़ जाऊंगा।
सब कहते है मन ही मन उसे मैं मार देता हूं,
मैं सपनों की तरह उसकी यादें बिसार देता हूं,
मुझे ये हक है कि उसे थोड़ा दुःख भी दूं,
क्यूंकि चाहत भी तो उसी को बेशुमार देता हूं।
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