चूड़ियां | Chudiyan
खन-खनाने लगी आपकी चूड़ियां, दिल चुराने लगी आपकी चूड़ियां, आज शायद मिलन की घड़ी आ गई, मुस्कुराने लगी आपकी चूड़ियां। जब से ली है जवानी ने अंगड़ाइयां, ज़ुल्म ढाने लगी आपकी चूड़ियां, सांवले हाथ में चांद के रूबरू, जगमगाने लगी आपकी चूड़ियां। थामते ही कलाई को क्यूं शर्म से, कसमसाने लगी आपकी चूड़ियां, आज की रात महफ़िल में कौन आ गया, गुन-गुनाने लगी आपकी चूड़ियां। राग जब जब भी छेड़े हैं हमने कभी, गीत गाने लगी आपकी चूड़ियां।